Ram Mandir राम मंदिर अयोध्या: नींव में क्या पड़ा?
नमस्ते दोस्तों, मैं अनुराधा शर्मा हूँ और आज हम एक रोचक और सस्पेंसफुल कहानी के साथ आए हैं – “राम मंदिर अयोध्या: नींव में क्या पड़ा?”
अयोध्या में बहुत ही बड़ा और भव्य राम मंदिर बन रहा है, जो विशेष प्रकार के पत्थरों से बना है, बिना लोहे और सीमेंट के। इसके पीछे की कहानी बहुत ही रोचक है।
राम मंदिर का निर्माण: कहानी एक विशेष प्रकार के पत्थरों की
राम मंदिर का निर्माण विशेष प्रकार के पत्थरों से हुआ है, जो खांचा बनाने के लिए इस्तेमाल हुए हैं। इन पत्थरों को एक-दूसरे से जोड़ने के लिए खांचा बनाया गया है, जिससे मंदिर का निर्माण हुआ है। गुलाबी पत्थरों से बना मुख्य ढांचा राजस्थान के भरतपुर से लाया गया है, जो कि बहुत मजबूत और दीर्घकालिक हैं।
नींव में कैसे बनी बिना लोहे-सीमेंट की?
राम मंदिर की नींव में भी लोहे और सीमेंट का उपयोग नहीं हुआ है। मंदिर के निर्माण के लिए मिट्टी की ढीली रेत को चट्टान में बदला गया और फिर उस पर ‘रोल्ड कॉम्पैक्ट कंक्रीट’ का इस्तेमाल किया गया है। इस प्रकार, बिना लोहे-सीमेंट के ही मंदिर की नींव खड़ी हो गई है।
नागर शैली और रहस्यमय सुरक्षा
राम मंदिर का निर्माण नागर शैली में किया गया है, जिसमें लोहे का इस्तेमाल नहीं होता। यह शैली उत्तर भारतीय हिंदू स्थापत्य कला की एक प्रमुख शैली है और इसमें लोहे का उपयोग नहीं होता।
राम मंदिर का उद्घाटन: एक नई शुरुआत की तैयारी
राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी को होने वाला है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे। इस अद्भुत क्षण में मंदिर का मुख्य ढांचा, जो बिना लोहे-सीमेंट के बना है, बहुत ही भव्यता भरा दृश्य प्रदर्शित करेगा।
इस कहानी के सभी पहलुओं को जानकर, हम समझते हैं कि राम मंदिर ने कैसे बिना लोहे-सीमेंट के ही खड़ा हो गया। यह एक सुनहरा उदाहरण है कि हम किसी भी महत्वपूर्ण परियोजना को भव्यता और स्थायिता के साथ बना सकते हैं, बिना पर्यावरण को बहुत अधिक क्षति पहुंचाए।
आप सभी को राम मंदिर के उद्घाटन में शामिल होने का सौभाग्य मिले। धन्यवाद!
नाम | अनुराधा शर्मा |
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ब्लॉग शीर्षक | राम मंदिर अयोध्या: नींव में क्या पड़ा? |
आरंभिक तिथि | 9 जनवरी 2024 |
यह पोस्ट अनुराधा शर्मा द्वारा लिखी गई है, यह पोस्ट किसी भी प्रकार का प्रायोजक या संबद्ध नहीं है, यह पोस्ट केवल जानकारी के लिए लिख रही है
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